यूपी: कांवड़ यात्रा पर टिप्पणी को लेकर दलित शिक्षक से रगड़वाई नाक, वीडियो वायरल (Bolta Hindustan)

By Bolta Hindustan

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक सरकारी स्कूल के दलित शिक्षक को स्थानीय लोगों ने मंदिर के फर्श पर नाक रगड़ने और माफी मांगने के लिए मजबूर किया. शिक्षक का माफ़ी मांगते हुए वीडियो सोशल पर वायरल है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिक्षक ने कांवड़ यात्रा को लेकर अनुचित टिप्पणी की थी. 

दरअसल उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक के समरथपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय में तैनात दलित शिक्षक ओम प्रकाश से 17 जुलाई को स्कूल की एक छात्रा ने कहां यात्रा में शामिल होने और दुर्गा मंदिर में जाने के लिए छुट्टी की मांग थी. छात्रा का आरोप है कि शिक्षक ने छुट्टी देने की बजाय कांवड़ यात्रा और मां दुर्गा पर अभद्र टिप्पणी की. जिस बात को छात्रा ने अपने परिजनों से बताया बाद में धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गई. गांव वाले टीचर की बात पर नाराज हो गए. 

मामला शिक्षा विभाग तक पहुंच गया और बीएसए ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया. इस पर भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ. टीचर की टिप्पणी से नाराज ग्रामीणों ने 22 जुलाई को आरोपी शिक्षक को जबरन शिव मंदिर ले गए और मंदिर के सामने शिक्षक ने नाक रगड़कर माफी मांगी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

सोशल मीडिया पर लोगों की आई प्रतिक्रिया

पत्रकार अनिल यादव ने लिखा, “कथित रूप से आरोप है कि सुल्तानपुर के दलित सरकारी स्कूल के शिक्षक ओमप्रकाश से उनकी एक छात्रा ने मंदिर और कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए छुट्टी मांगी. शिक्षक ने भगवान और कांवड़ यात्रा पर गलत टिप्पणी कर दी. BSA ने टीचर को निलंबित कर दिया. लेकिन छात्रा के गाँव वालों का मन नहीं भरा. गाँव वाले टीचर को मंदिर में ले गए और जबरदस्ती माथा टेकवाया, माफी मंगवाई और चेतावनी दी. निलंबन के बाद ऐसा क्यों हुआ. मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरे अयोध्या मंडल के जिले में ऐसा हो सकता है, मुझे लगता था कि पूर्व में फैज़ाबाद और अब अयोध्या मंडल का बहुजन शक्तिशाली हो चुका है.”

पत्रकार स्वाती मश्रा ने लिखा, “यूपी में छात्रा ने कांवड़ यात्रा, मंदिर के लिए छुट्टी मांगी. टीचर पर अभद्र धार्मिक टिप्पणी का आरोप लगा. सस्पेंड हुए. टीचर से मंदिर में नाक रगड़वाकर माफी मंगवाई गई. कई जिलों में कांवड़ के चलते एक हफ्ते की छुट्टी थी. पूरे महीने की होती तो टंटा ही खत्म था.”

This story was originally published in boltahindustan.in. Read the full story here.

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